गुरुवार, 11 जून 2009

डोनल्ड का पचहत्तरवां जन्मदिन


इस मंगलवार को डोनल्ड ने अपने जीवन के पचहत्तर वर्ष पूरे किए हैं, बढ़ती उम्र के साथ उसकी लोकप्रियता भी दिन पर दिन बढ़ती ही गई है। वाल्ट डिज़्नी के इस कार्टून चरित्र को पहली बार ९ जून १९३४ को पर्दे पर उतरा गया था। अनेक कार्टून कथाओं के अतिरिक्त वह १८ फ़ीचर फ़िल्मों, १५० से अधिक छोटी कार्टून फिल्मों, ८ टेलीविज़न धारावाहिकों और २१ वीडियो गेम्स में प्रमुख भूमिका निभा चुका है। सिली सिम्फनीज की ‘द वाइज लिटिल हेन डोनल्ड’, डोनल्ड की पहली फ़िल्म थी। फ़िल्मों में आने के लिए उसे हर फ़िल्मी कालाकार की तरह मेकओवर की ज़रूरत हुई। यह उत्तरदायित्व निभाया रिचर्ड डिक लंडी ने, जो अपने समय के प्रसिद्ध एनिमेशन कलाकार और फ़िल्म निर्माता थे। उन्होंने इसे नीली सेलर कमीज दी और टोपी में पंख लगा दिया। फिर क्या था डोनल्ड तो उड़ चला।

११ अगस्त १९३४ को ‘द लिटिल वाइज हेन’ के निर्देशक बट जिलेट ने उसे मिकी माउस की फिल्म ‘द ऑफ्रेंस बेनिफिट’ मे काम करने का मौका दिया। अब तक वह मिकी, मिनी, गूफी और प्लूटो की शैतान फौज के साथ धमाचौकड़ी मचाने में उस्ताद हो चुका था। ये सभी पात्र एक साथ १९३५ में मिकीज सर्विस स्टेशन कार्टून फिल्म में दिखाई दिए। एक साल में १९३५ तक डोनल्ड दर्शकों को रिझाना सीख चुका था। ९ जनवरी १९३७ में वह पहली बार नायक की भूमिका में दिखाई दिया। उसे डेजी डक का साथ मिला और उसके भतीजे लुई, हुई और डुई भी फिल्मों में दिखाई देने लगे। निर्देशक जैक किंग ने अंकल डोनल्ड के साथ तीनों भतीजों को लेकर अपनी फिल्म ‘डोनाल्ड्स नेफ्यूज’ बनाई। १९४९ तक डोनल्ड मिकी के साथ दुनिया का सबसे प्रसिद्ध कार्टून पात्र बन चुका था।

उसने नाजियों की प्रचार फिल्मों में भी काम किया। फिल्म की तस्वीरों में उसे अडॉल्फ हिटलर को सलामी देते हुए दिखाया गया था। इनमें से एक फिल्म ‘डेर फ्यूहुएर्स फेस’ १९४३ में पुरस्कृत भी हुई। डोनल्ड ने ‘स्काई ट्रूपर’, ‘फॉल आउट, फॉल इन’ और ‘कमांडो डक’ जैसी सैन्य पृष्ठभूमि वाली फिल्मों में काम किया। फिर क्या था सेलर शर्ट के कमाल से उसे संयुक्त राष्ट्र की कोस्ट गार्ड आग्जिलरी का मस्कट होने का सौभाग्य भी मिल गया। अमेरिकी रेडियो कलाकार क्लेरेंस नैश वे व्यक्ति थे जिनकी आवाज सुनकर डिज्नी के मन में डोनल्ड के चरित्र ने जन्म लिया था। नैश जीवन भर डोनल्ड को अपनी आवाज़ देते रहे। परंतु १९८५ में उनकी मत्यु के बाद भी डोनल्ड की आवाज़ बंद नहीं हुई। उसे जारी रखने का काम किया टोनी अन्सेल्मो ने।

१९८४ में जब डोनल्ड पचास साल का हुआ तो संयुक्त राष्ट्र की सेना में उसकी भी पदोन्नति हुई, वह सार्जेन्ट से आर्मी अफसर बन गया। इस अवसर को रेखांकित करने के लिए एक समारोह का आयोजन विधिवत उसी प्रकार किया गया जैसी अमेरिकी सेना में पारंपरा है। यह एक विशेष अवसर था सो गर्लफ्रेंड डेजी डक की उपस्थिति भी वहाँ बनी रही। डिज़्नी के अन्य कार्टून चरित्रों की तरह डोनल्ड बच्चा नहीं है बल्कि प्रौढ़ है लेकिन उसका भोलापन बच्चों को भी मात देता है। शायद इसी भोलेपन में उसकी लोकप्रियता का रहस्य छुपा है।

8 टिप्‍पणियां:

अजय कुमार झा ने कहा…

डोनाल्ड और उसके भतीजे..लुई, दुई, हुई की यादें तो हमारे बचपन से जुडी हैं...आज के बच्चे तो शिनचैन जैसे शैतान के दीवाने हैं,...डोनाल्ड को buddhe होने पर बधाई.....

"MIRACLE" ने कहा…

bahut achchi jaankari mili aapke blog par.

नीरज गोस्वामी ने कहा…

पूर्णिमा जी जानकारी का बहुत बहुत शुक्रिया...डोनाल्ड पहले मैं देखा करता था उसके बाद बेटे ने देखना शुरू किया और अब उसकी बेटी मिष्टी उसकी दीवानी है...डोनाल्ड डक , मिकी माउस आदि चरित्र हमेशा जिन्दा रहेंगे...
नीरज

बेनामी ने कहा…

बेहद रोचक सदाबहार च्रित्रों की चर्चा।
मज़ा आ गया

बेनामी ने कहा…

सॉरी, चित्रों के बदले चरित्रों पढ़ें

vijay kumar sappatti ने कहा…

namaskar poornima ji

donald ke saath hi hamare bachpan ke aur bhi comics jehan me aa gaye hai .. is lekh ke liye meri badhai sweekar kare,

dhanyawad.

vijay
pls read my new poem :
http://poemsofvijay.blogspot.com/2009/05/blog-post_18.html

डा0 हेमंत कुमार ♠ Dr Hemant Kumar ने कहा…

पूर्णिमा जी ,
बहुत बढ़िया लिखा है आपने..डोनल्ड के बारे में .
आपके ब्लॉग पर तो हर बार एक नयी जानकारी
मिलती है .
हेमंत कुमार

Arvind Gaurav ने कहा…

bahut acchi jankari mili aapke es post se